कन्वर्जेंस (Convergence) – इसका साधारण भाषा में मतलब है की यह बिल्कुल जरूरी नहीं है कि आपका पैशन (Passion) हो, वह दूसरे लोगों को भी रोचक लगे। मगर क्या आपने इन दोनों सर्कल के बीच का छोटा सा ओवरलैप देखा ? यही आपकी अपॉर्चुनिटी (Opportunity) है माइक्रो बिजनेस के लिए।
स्किल ट्रांसफॉर्मेशन (Skill Transformation) – यह जरूरी नहीं है कि आपको कोई पर्टिकुलर बिजनेस शुरू करने के लिए आपके पास किसी खास स्किल का होना अनिवार्य हैं। अगर आपके पास कोई उसी से मिलता-जुलता स्किल है, तो भी आपका काम अच्छे से चल सकता है। उदाहरण के तौर पर – टीचर टीचिंग में माहिर होते हैं, लेकिन टीचर्स का कम्युनिकेशन स्किल भी काफी बेहतर होते हैं। वह किसी भी सरकमस्टेंस में अडॉप्ट हो सकते है, और साथ ही वे डिफरेंट इंटरेस्ट वाले ज्यादा से ज्यादा लोगों को ऑर्डिनेटर और ऑर्गेनाइज कर सकते हैं। तो अब यह महसूस करें कि आप में एक से ज्यादा स्किल्स मौजूद है। ध्यान लगाकर सोचकर दिखे की ऐसी कौन सी स्कीम है आपके पास मौजूद है जो दूसरी स्किल्स में ट्रांसफॉर्मर कर सकते हैं। ताकि उस स्पेसिफिक स्किल से आप अपना माइक्रो बिजनेस शुरू कर सकें।
द मैजिक फार्मूला (The Magic Formula) – हम दो प्रीवियस लैंसेज का इस्तेमाल करके एक इक्वेशन बना सकते हैं, एक ऐसा फार्मूला जो आपको सक्सेस दिलाने में बेहद लाभदायक साबित होगा।
पैशन या स्किल + यूजफुलनेस = सक्सेस
How to put happiness in a box and sell it? – खुशियों को बक्से में बंद करके बेचने का तरीका!
कल्पना करो की आप एक रेस्टोरेंट में है और आपने एक प्लेट साल्मन आर्डर की, उसी समय राजस्थान का बावर्ची आपके पास आता है और कहता है कि साल्मन बनाना थोड़ा मुश्किल है, क्या आपने कभी इसे बनाया है ? आप बावर्ची में कुछ कहती है उससे पहले वह आपसे कहता है की मैं जाकर Oil गर्म करता हूँ, तब तक आप जाकर अपने हाथ धोके आजाओ और मुझे रसोई (किचन/Kitchen) में मिलो। जाहिर है की यह सुनने के बाद आपको बहुत अजीब लगने वाला है, और शायद ऐसा आपके साथ कभी हुआ हो, और होगा भी कैसे ? ऐसा कौन सा बावर्ची (Chef) होगा जो आपको खुद अपना आर्डर रेडी करने के लिए बोलेगा। जब आप पैसा खर्च करने के लिए रेस्टोरेंट में आए हैं, तो आप अपने घर पर ही खुद खाना बनाकर नहीं खा सकते थे। हर एक इंसान रेस्टोरेंट में इसलिए जाता है ताकि आपको बैठे-बिठाए खाना मिल सके और आपको एक बेहतर सर्विस उन पैसों के बदले मिल सके।
अब आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिरकार इस सबसे माइक्रो बिजनेस का क्या लेना देना है ? तो हम आपको बताते हैं कि ज्यादातर ऑनर्स कस्टमर से यह एक्सपर्ट करते हैं कि अपना खाना खुद प्रिपेयर करें, उन्हें लगता है कि कस्टमर को यह पसंद है। वह एक कहावत पर विश्वास रखते हैं कि “आदमी को एक मछली दो तो उसे 1 दिन में खाएगा, लेकिन उसे मछली पकाना सिखा दो तो वह मछली रोजाना खाएगा” लेकिन ज्यादातर कस्टमर मछली पकाना सीखना नहीं चाहते। ज्यादातर लोग यही चाहते हैं कि उन्हें पका पकाया हुआ खाना उनके टेबल पर मिल जाए। अब इतनी मेहनत के बाद इतना तो बनता है कि हम खुद को ट्रीट करे तो इसलिए जो कस्टमर मांगता है उसे वह मिलना चाहिए।
आपका कारोबार (Your Business)
अब आप यह सोच रहे होगे कि आखिरकार यह माइक्रो बिजनेस का आईडिया आता कहां से है ?
1. मार्केट में एफिशिएंसी: जब कोई सर्टेन प्रोडक्ट अपनी एफिशिएंसी लूज़ करता है, तो उसके स्थान पर कोई नया प्रोडक्ट उसकी जगह ले लेता है। तो वह नया प्रोडक्ट फिर आप क्यों नहीं बना सकते ?
2. न्यू टेक्नोलॉजी: जब मार्केट में स्मार्टफोन ने एंट्री की थी, तो मार्केट पूरी तरह से बदल गया था। एप्लीकेशन डेवलपमेंट जैसी कई नई-नई जॉब्स निकल कर सामने आई, तो उस समय मार्केट में एप्लीकेशन डेवलपमेंट वाले लोगों की काफी अधिक डिमांड थी। वहीं दूसरी ओर न्यूज़पेपर का आईडी अभी काफी लोकप्रिय हुआ, क्योंकि उस दौर में सभी चीजें इलेक्ट्रॉनिक हो जाए, यह बात कुछ लोगों को हजम नहीं हो पा रही थी।
3. ए स्लाइड प्रोजेक्ट: खुद को एक माइक्रो बिजनेस तक सीमित ना रखें, असल में जब आप देखेंगे की आपका बिजनेस बढ़िया चल रहा है, तो आप अपनी कमाई को बढ़ाने के लिए कोई अन्य प्रोडक्ट या प्रोजेक्ट पर काम करने के बारे में सोचने लगते हैं।
4. बट आई स्टिल वांट टू मेक मनी डुएट व्हाट आई लव, व्हाट शुड आई डू ? (4. But I Still Want To Make Money Duet What I Love, What Should I Do?): यह मुश्किल नहीं है, असल में उस काम को करने से अधिक आसान है, जो आप नहीं करना चाहते। हालांकि ऐसा करने के लिए आपको अपना पसंदीदा काम लोगों की जरूरत से जोड़ना पड़ेगा। The 100 $ Startup Book के राइटर का एक दोस्त था, जो कि एक साइड बिजनेस चलाता था। और यह काम कुछ ऐसा था जो उसे करना बेहद पसंद था। लेकिन राइटर के दोस्त की कहानी शुरू करने से पहले मैं आपको कुछ समझाना चाहूंगा, अक्सर लोग जब पहली बार किसी एयरलाइंस में ट्रैवल करते हैं, तो एयरलाइंस वाले उन्हें फ्लायर माइल्स (Flyer miles) और करते हैं, क्योंकि मूल रूप से एक निश्चित राशि ऑफ़ माइल्स (Fixed amount of miles) है। यह अमाउंट आपको तब मिलता है जब आप उसी ऑनलाइन में दोबारा ट्रैवल करते हैं, और केवल कुछ ही फ्लाइट्स में ट्रेवल करने के बाद ही आपके पास इतने माइल्स इकट्ठा हो जाते हैं की आपको फिर एक फ्लाइट बिल्कुल मुफ्त में मिल जाती है।
चलिए अब एक बार फिर वापस अपनी कहानी पर लौट आते है, गैरी ने ये फ्लईएर माइल्स अपने फायदे में इस्तेमाल किये। काफी बार ऐसा होता है की लोग इन माइल्स कमा तो लेते है, लेकिन उनके पास यह जानने का समय नहीं होता की वह इन माइल्स का इस्तेमाल कैसे करें ? उन्हें लर्न करने या इसमें क्या हार्डशिप आएगी यह सब चीजें शॉटआउट करने का टाइम नहीं होता। इसलिए गैरी ने अपना साइड बिजनेस खोला, जहां वे अपने कस्टमर्स को उनके फ्लायर माइल्स को ऑर्गेनाइज करके उन्हें ट्रिप बना कर देता है, और हर एक ट्रिप के लिए वह अपने कस्टमर से 250 डॉलर चार्ज करता है। अब आप यह सोच रहे होंगे कि आखिरकार इस काम के लिए क्यों कोई गैरी को 250 डॉलर चार्ज करेगा ? जो चीज लॉक फ्री में कर सकते हैं ?
तो इसका जवाब यह है कि 250 डॉलर कुछ भी नहीं है 5000 डॉलर के मुकाबला में जो लोगों को बिना फ्लईएर माइल्स यूज़ किये किसी ट्रिप के लिए खर्च करने पड़ते है, और गैरी अपने कस्टमर को बेस्ट ऑर्गेनाइज ट्रिप बना कर देता है, अगर गैरी ऐसा नहीं करता तो लोग उसे क्यों ही पैसे देते ? यहां हम देख सकते हैं कि गैरी ने एक ऐसा बिजनेस शुरू किया जो उसके पैशन से इनडायरेक्टली तालुकात रखता है। एक कंसलटेंट – जो की असल में उसका पैसा नहीं है तो इस तरह उसने अपनी पसंदीदा काम को लोगों की जरूरत से जोड़ा, और उसका पसंदीदा काम था लोगों को उनकी समस्या का समाधान बताना।