1960 के दिनों में अगर बच्चों से पूछा जाता था की वह बड़े होकर क्या बनेंगे तो सबके पास यही जवाब होता था कि वह अच्छे ग्रेड लाएंगे और डॉक्टर बनेंगे। तब सबको यही लगता था कि अच्छे ग्रेड्स लेकर वह बहुत पैसा कमा सकेंगे। हालांकि उनमें से बहुत बच्चे आज बड़े होकर डॉक्टर बन चुके हैं। बावजूद इनके ऐसे काफी लोग आज भी फाइनेंशली स्ट्रगल करते नजर आएंगे। क्योंकि उन्हें हमेशा यही लगा कि ज्यादा पैसा कमाने से उनकी सारी परेशानियां दूर हो जाएगी। मगर आज के दौर में ऐसा बिल्कुल नहीं है। आज बहुत से बच्चे फेमस एथलीट बनना चाहते हैं या फिर सीईओ, या फिर कोई मूवी स्टार या रॉकस्टार। क्योंकि उन्हें पता है कि अच्छी पढ़ाई और अच्छे ग्रेड के भरोसे बैठकर वह कैरियर में सक्सेस हासिल कर सकते हैं। आजकल फाइनैंशल नाइटमेयर बहुत आम हो गया है।
क्या शादी के बाद आप भी कर रहे है यह गलती ?
अक्सर नए शादी-शुदा जोड़े यह सोचते हैं कि उनकी सैलरी अब डबल हो जाएगी क्योंकि दोनों जने कमा रहे है। एक छोटे से घर में रहते हुए अब बड़े घर के सपने देखते हैं। इसलिए वह पैसा बचाना शुरू कर देते हैं। इसकी वजह से उनका सारा ध्यान सिर्फ अपना कैरियर बनाने पर होता है। उनकी कमाई बढ़ने लगती है तो जाहिर है उसी हिसाब से खर्चे भी बढ़ते हैं। अब जब आप फिनांशल लिटरेट हुए बिना पैसा बनाते हैं या बिना सोचे समझे उसे खर्च करते हैं तो होता यह है कि आप पहले से ज्यादा खर्च करने लगते हैं, और यह चक्कर ऐसे ही चलता रहता है।
नए शादीशुदा जोड़े (Newly Married Couple) ने अब इतना पैसा कमा लिया है कि वह एक बड़ा घर खरीद सके। उन्हें तो यही लगेगा कि वह अब थोड़े अमीर हो चुके हैं। मगर असलियत तो यह है कि बड़े घर के साथ उन्होंने नई लायबिलिटीज (Liability) भी खरीद ली है। उनके कैश फलों में अब प्रॉपर्टी टैक्स का खर्च बड़ गया है। अब उन्हें एक नई गाड़ी (Car) भी चाहिए, फर्नीचर भी, सब कुछ नया। उनकी लायबिलिटीज बढ़ती ही चली जा रही है, और ज्यादातर होता यही है की इनकम के साथ-साथ ख़र्च भी बड़ने लगते है। फिर एक दिन अचानक इस सच्चाई का खुशाल होता है, मगर तब तक हम इस रेट रेस में बुरी तरह फंस चुके होते है।
फिर ऐसे ही लोग हमारे लेखक रोबर्ट के पास आकर पूछते है की अमीर कैसे बना जाए ? अब यही सवाल तो मुसीबत की जड़ है क्योकि सबको लगता है की पैसा ही हर चीज का इलाज है। यह मानना ही एक बड़ी गलती है। उनकी समस्या ये नहीं है की वह ज्यादा नहीं काम रहे। बल्कि यह है की जो कुछ उनके पास है उसे हैंडल कैसे करे ? एक कहावत है जो यहां पर लागू होती है “जब तुम खुद को एक गहरे गड्डे में पाओ तो और खोदना छोड़ दो”
पब्लिक स्पीकिंग (Public Speaking) से घबराते है ?

क्योंकि ज्यादातर लोग पब्लिक स्पीकिंग से घबराते है ? मनोचिकित्स्को (Psychiatrist) का मानना है की लोग इसलिए घबराते है क्योकि उन्हें रिजेक्शन का डर होता है, ओरो से अलग होने का भय होता है। लोग हमारे बारे में क्या सोचेंगे या हम पर कही हंस ना दे, यही सोच कर अधिकाँश लोग बुब्लिक स्पीकिंग से दूर भागते है। वह वही करना पसंद करते है जो सब कर रहे होते है। वह खुद भीड़ का हिस्सा बनाकर संतुष्ट हो जाते है। “आपका घर आपका सबसे बड़ाएस्सेट है”, “लोन लीजिए”, अब प्रमोशन हो गया है”, अब सैलरी बड़ गयी है तो नया घर लो”, यही सब बाते हम लोगो से सुनते रहते है।
गरीब और मिडल क्लास में क्या फरक है ?
और फिर हम भी उसी रास्ते पर चल पढ़ते है क्योंकि जो सब कर रहे है वो जरूर सही होगा। है की नहीं ? मगर नहीं, ऐसा बिलकुल नहीं है। अमीर डैड (Rich Dad) ने कहा था की जैपनीज़ लोग तीन चीजों की ताकत जानते थे। तलवार, कीमती जवाहरात और शीशा। तलवार बाजुओं की ताकत प्रतीक है। कीमती जवाहरात पैसे की ताकत का प्रतीक है, और शीशा खुद के अंदर छुपी हुई ताकत को दिखाता है। और वही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। जब आप खुद को जानते हो, शीशे के सामने अगर आप खुस से सवाल पूछ सकते हो की मैं सही हूँ या मुझे भी भीड़ का हिस्सा बनकर रहना चाहिए, तो जो जवाब आपको मिलेंगा वही आपकी असली ताकत है। गरीब और मिडल क्लास खुद को पैसे का गुलाम बनने देते है इसलिए वो कभी आमिर नहीं बन पाते।
Rich Dad Poor Dad All Chapter
- Rich Dad Poor Dad Chapter – 1 (Read Now)
- Rich Dad Poor Dad Chapter – 2 (Read Now)
- Rich Dad Poor Dad Chapter – 3 (Read Now)
- Rich Dad Poor Dad Chapter – 4 (Read Now)
- Rich Dad Poor Dad Chapter – 5 (Read Now)
- Rich Dad Poor Dad Chapter – 6 (Read Now)
- Rich Dad Poor Dad Chapter – 7 (Read Now)
- Rich Dad Poor Dad Chapter – 8 (Read Now)
- Rich Dad Poor Dad Chapter – 9 (Read Now)